भाषा

भाषा (Bhasha) क्या है?: भाषा वस्तुतः शब्दों, ध्वनियों, तथा संकेतों का संयोजन है, जिसके द्वारा मानव समाज विचारों, भावनाओं, एवं सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। यह मानव जीवन का एक अनिवार्य तत्व है, जो न केवल संवाद का माध्यम है, अपितु हमारी पहचान और संस्कृति का भी उद्घाटन करती है। यह संवाद प्रणाली हमें विचारों और भावनाओं का प्रभावी संप्रेषण करने में समर्थ बनाती है।

भाषा का स्वरूप शब्दों, ध्वनियों, और संकेतों के समन्वय से निर्मित होता है। यह केवल संचार का साधन नहीं, अपितु सामाजिक संबंधों को भी सुदृढ़ करती है। जब हम संवाद करते हैं, तब हम न केवल विचारों का आदान-प्रदान करते हैं, बल्कि आपसी समझ एवं स्नेह का निर्माण भी करते हैं।

भाषा हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक होती है। विविध भाषाएँ विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिससे हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर सकते हैं। उदाहरणस्वरूप, भारतीय उपमहाद्वीप में अनेक भाषाएँ विद्यमान हैं, जैसे हिंदी, संस्कृत, तमिल, और बांग्ला, जो न केवल बोलने वालों की पहचान दर्शाती हैं, अपितु उनकी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को भी जीवित रखती हैं।

भाषा के बिना, हम अपने व्यक्तिगत अनुभवों और सांस्कृतिक धरोहरों को साझा करने में असमर्थ होते हैं। यह विचारों के संप्रेषण का माध्यम होने के साथ-साथ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। समाज के विकास में भी भाषा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शिक्षा, व्यापार, और अन्य क्षेत्रों में संवाद स्थापित करने की आधारशिला होती है।

अतः, भाषा मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा है, जो हमें एकजुट करती है और हमारे अस्तित्व को अर्थ प्रदान करती है। इसका संरक्षण एवं संवर्धन हम सभी की जिम्मेदारी है। इसे संजोकर रखना न केवल हमारे लिए, अपितु आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आवश्यक है। इस प्रकार, भाषा का महत्व और भी बढ़ जाता है, जब हम इसे अपनी सांस्कृतिक पहचान के रूप में देखते हैं।

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