हिन्दी साहित्य का उद्भव और विकास – Hindi Sahitya: Udbhav, Vikas Aur Itihas-Lekhan Ki Parampara
यदि हम हिन्दी साहित्य को समुचित परिप्रेक्ष्य में समझना चाहें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि इसका इतिहास अत्यन्त विस्तृत, समृद्ध और प्राचीन है। सुप्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक डॉ. हरदेव बाहरी के अनुसार हिन्दी का आरम्भ वस्तुतः वैदिक काल से माना जा सकता है। उनके शब्दों में, “वैदिक भाषा ही …